दुनिया 6 मिनट के अंधेरे में! लेकिन कब? जानिए सच NASA की जुबानी
दुनिया में एक बार फिर बढ़ता अंधेरा !
इस ग्रहण की खास बात ये है कि यह 1991 के बाद पहली बार इतना लंबा सूर्यग्रहण होगा, और इसके बाद इसे दोबारा देखने का मौका 2114 तक नहीं मिलेगा। यानी यह सदी में एक बार होने वाली खगोलीय घटना है, जिसमें लाखों लोग सूर्य को आंखों के सामने गायब होता देख सकेंगे।NASA के अनुसार, यह सूर्यग्रहण स्पेन, जिब्राल्टर, मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, मिस्र, सऊदी अरब, सूडान, यमन, सोमालिया जैसे 11 देशों के हिस्सों में दिखाई देगा। चंद्रमा की छाया धरती पर 258 किलोमीटर चौड़े रास्ते पर दौड़ेगी और लगभग 15,227 किलोमीटर लंबा क्षेत्र इस ग्रहण से प्रभावित होगा।ध्यान देने वाली बात ये है कि पूरी दुनिया इस ग्रहण को नहीं देख सकेगी। यह खासतौर पर यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के कुछ इलाकों में दिखाई देगा। भारत में यह पूर्ण रूप से नहीं, पर आंशिक रूप में देखा जा सकता है।
तो अगली बार जब कोई कहे कि "2025 में दुनिया अंधेरे में डूबने वाली है", तो मुस्कुराइए और उन्हें बताइए कि असली 'अंधेरा' तो 2027 में आ रहा है – लेकिन वो विज्ञान का करिश्मा होगा, अफवाह नहीं।
इस ग्रहण को देखने के लिए खगोल प्रेमियों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है, और उम्मीद की जा रही है कि उस दिन लाखों लोग आसमान की ओर टकटकी लगाए इस चमत्कारिक दृश्य के गवाह बनेंगे।
सावधानी: ग्रहण को नंगी आंखों से देखना हानिकारक हो सकता है। इसे देखने के लिए सर्टिफाइड सोलर ग्लासेस या स्पेशल टेलीस्कोप फिल्टर्स का ही इस्तेमाल करें।
सच को पहचानिए, और विज्ञान के इस अद्भुत नज़ारे के लिए तैयार हो जाइए!
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